बस्तर मित्र/कांकेर।
सौर सुजला योजनांतर्गत कृषकों के लिए बेहतर सिंचाई एवं आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सोलर सिंचाई पंपों की स्थापना किया जा रहा है। इस योजनांतर्गत सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए 03 एचपी. और 05 एच.पी. क्षमता के सौर सिंचाई पम्प की स्थापना में शासन की ओर से लगभग 95 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। वर्तमान में जिले के 7818 हितग्राहियों द्वारा सौर सुजला योजनांतर्गत सिंचाई पंपों की स्थापना की गई है, जिसमें कांकेर विकाखण्ड से 435, नरहरपुर विकासखण्ड से 1078, भानुप्रतापपुर से 758, चारामा से 433, दुर्गूकोंदल से 905, कोयलीबेड़ा से 2880 और अंतागढ़ से 1369 हितग्राहियों के भूमि में सोलर पंप स्थापित किया गया है, जिसका लाभ हितग्राही ले रहे हैं। इस योजना अंतर्गत लाभार्थियों का चयन राज्य सरकार के कृषि विभाग व क्रेडा की ओर से किया जाता है। सौर सुजला योजना का मुख्य उद्देश्य रियायती दरां पर सिंचाई पम्प प्रदान कर कृषकों को सशक्त बनाना है।
चारामा विकासखण्ड के ग्राम ढे़डकोहका निवासी रामकृष्ण सिन्हा ने बताया कि पहले सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण मानसून पर निर्भर रहते थे, समय पर बारिश नहीं होने के कारण फसल बर्बाद हो जाती थी। सोलर पंप लगने के पहले कुल जमीन से आय लगभग 01 लाख 50 हजार रुपये होती थी। सोलर पंप लगने से उसी खेत में अब सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था होने से लगभग 3 से 4 लाख रुपये के धान का उत्पादन हो रहा है। धान की फसल कटने के बाद गेहूं, चना तथा सब्जी जैसे बैंगन, गोभी, बरबट्टी, टमाटर का उत्पादन करते हैं, जिसमें लगभग 40 से 50 हजार रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित कर रहा हॅू। इसके लिए मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कोटिशः धन्यवाद ज्ञापित करता हॅू।