कांकेर
पूरे देश में एक जुलाई 2024 से देश में तीन नए कानून लागू हो गए हैं, जिनमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 शामिल हैं। स्वतंत्रता से पूर्व ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ष 1860 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) लागू हुई थी, में केन्द्र सरकार ने 16 दशक बाद 2023 में व्यापक बदलाव किए हैं, जिसमें सिर्फ धाराएं ही नहीं बदलीं, बल्कि सजा और जुर्माने के प्रावधान में भारी परिवर्तन किए गए हैं। पुराने कानून की बहुचर्चित धाराएं 302 हत्या अब 103, ठगी या धोखाधड़ी 420 अब 318 (4), चोरी 379 अब 303(2) व दुष्कर्म 376 आईपीसी अब 64 बीएनएस कहलाएंगी। आने वाले समय में अब इंडियन पीनल कोड 1860 (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस), क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (बीएनएसएस) और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गई है। नवीन कानूनों के विभिन्न प्रावधानों से अवगत कराने एवं आमजनता को जागरूक करने के उद्देश्य से आज पुलिस विभाग द्वारा कार्यशाला आयोजित कर कांकेर के वरिष्ठ नागरिकों एवं मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई, साथ सामान्यतः प्रयुक्त होने वाली अलग-अलग धाराओं एवं उनमें निहित उपधाराओं के बारे में बताया गया।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित ‘नवीन कानूनों का प्रवर्तन‘ विषय पर आयोजित कार्यशाला में प्रशिक्षु आईपीएस श्री संदीप कुमार पटेल (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भानुप्रतापपुर) ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की विभिन्न प्रमुख धाराओं व उप धाराओं के बारे में पीपीटी के माध्यम से बताया। इस अवसर पर डीएसपी श्री जी.एस. साव ने नए कानून के विभिन्न प्रावधानों पर जानकारी दी। साथ ही कानून के विशेषज्ञ अधिवक्ताओं ने भी नवीन कानून पर प्रकाश डाला।
124(क) राजद्रोह खत्म, अब होगी ‘देशद्रोह‘ के तहत कार्रवाई-
कार्यशाला में बताया गया कि अंग्रेजों के समय के कानून 124(क) आईपीसी को नए कानून के तहत् खत्म कर उसकी जगह देशद्रोह कर दिया गया है। लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। मगर किसी ने सशस्त्र विरोध, बम धमाका करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
आईपीसी की 511 धारा अब बीएनएस में 358 धारा-
इस माह (जुलाई-2024) से सरकार बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) लागू कर दी है। आईपीसी में 511 धाराएं थीं, जबकि बीएनएस में 358 धाराएं है। 175 धाराएं बदल गई हैं, 18 नई जोड़ी गई हैं, साथ ही 22 धाराएं खत्म हो गई है। इसी तरह सीआरपीसी में में 533 धाराएं है, इनमें 160 धाराए बदली गई हैं। नौ नई धारा जोड़कर नौ को खत्म कर दिया गया है। इसमें पूछताछ से ट्रायल तक सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करने का प्रावधान हो गया है।