
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड टॉक्सिक कचरा जलाने के मामले में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें सरकार की तरफ से उनके अधिवक्ता ने जवाब पेश किया है। जवाब में कोर्ट को सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि 72 दिनों के अंदर कचरा जला दिया जायेगा। इसके लिये सरकार की ओर से ट्रायल रन पूरा कर लिया गया है जो सफल रहा। सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 270 किलो प्रति घण्टे की दर से 72 दिनों में कचरा जलाया जा रहा है।
इसी रफ्तार से यदि कचरा जलाया गया तो 72 दिनों में यूनियन कार्बाइट का वेस्ट मटेरियल जला सकते हैं। सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता के जवाबों को सुनकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेशित किया कि 72 दिनों में टॉक्सिक वेस्ट जलाकर सरकार कोर्ट को रिपोर्ट पेश करे। वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने साफ तौर पर राज्य सरकार को निर्देशित है किया कि टॉक्सिक वेस्ट जलाने में नियमों का पूरा पालन होना चाहिये। कोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी कहा है, कि कचरा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में जलाया जाए।
पीथमपुर के याचिकाकर्ताओंं की आपत्ति पर हाई कोर्ट ने स्पष्ट रूख अपनाते हुये कहा कि 40 साल से लंबित टॉक्सिक वेस्ट की समस्या का अब निपटारा जरूरी है। आपत्तिकर्ता राज्य सरकार को सुझाव दें कि किस तरह से ये वेस्ट मटेरियल जलाया जा सकता है। आवश्यक होने पर सरकार सुझावों पर विचार करे। मामले में अगली सुनवाई हाई कोर्ट ने 30 जून को निर्धारित की है।