
हमारे देश में हर साल 14 अप्रैल के दिन डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है।14 अप्रैल 2025 को डॉ. अंबेडकर की 135वीं जयंती है । इस दिन को भीम जयंती के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन ’भारतीय संविधान के जनक’ डॉ. भीम राव के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1891 में जन्मे अंबेडकर न केवल भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता थे, बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री, न्यायविद, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक भी थे। 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर के जन्म दिवस को प्रति वर्ष संविधान दिवस तथा 24 अप्रैल को पंचायती राज व्यवस्था को 73 वें संविधान के माध्यम से विधिक मान्यता प्राप्त होने पर पंचायत राज दिवस के रूप में मनाया जाता है। उक्त अवसरों पर सभी जिलों में कार्यक्रम समारोहपूर्वक आयोजित किया जायेगा।
अंबेडकर जयंती पहली बार 14 अप्रैल 1928 को पुणे में मनाई गई थी। इसकी पहल सामाजिक कार्यकर्ता जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने की थी। तब से यह परंपरा हर साल चलती आ रही है और आज यह न केवल भारत में बल्कि विश्वभर के कई देशों में बसे भारतीय समुदायों द्वारा भी मनाई जाती है।
डॉ. अंबेडकर ने संविधान निर्माण में जो योगदान दिया, वह भारत को एक आधुनिक, लोकतांत्रिक और समतावादी राष्ट्र बनाने की नींव था। उन्होंने महिलाओं, पिछड़े वर्गों और दलित समुदाय को अधिकार दिलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, उनका कहना था । ’शिक्षित बनोए संगठित रहो और संघर्ष करो’ यह संदेश आज भी लोगों को प्रेरित करता है।
इस अवसर पर जिला स्तर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा कार्यक्र में माननीय मंत्री, माननीय विधायक, निर्वाचित जनप्रतिनिधयों एवं वरिष्ठ अतिथियों को कार्यक्रम में सहभागिता हेतु आमंत्रित किया गया है जिला /जनपद पंचायतों के अध्यक्ष एवं सदस्यों साथ ही प्रत्येक विकासखण्ड से 10-10 सरपंचों को कार्यक्रम में अन्य गणमान्य नागरिकों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।
भारतीय संविधान के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराते हुए संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया जाएगा। सभी नागरिकों को संविधान संविधान प्रदत्त अधिकारों एवं कर्तव्यों का बोध कराया जाएगा।