
छत्तीसगढ़ 11 अप्रैल से 30 जून तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति किसी भी व्यक्ति द्वारा नलकूप खनन करना अवैध और दंडनीय होगा।
गर्मी के बढ़ते असर और भविष्य में संभावित जल संकट को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर दीपक सोनी ने छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986-1987 की धारा 3 के तहत बलौदाबाजार-भाटापारा जिले को जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।
यह आदेश 11 अप्रैल से 30 जून तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति किसी भी व्यक्ति द्वारा नलकूप खनन करना अवैध और दंडनीय होगा। यह प्रतिबंध पेयजल और गैर-पेयजल दोनों प्रयोजनों के लिए लागू रहेगा।
नलकूप खनन की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार होंगे। इन अधिकारियों को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगरीय निकायों, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों से रिपोर्ट लेकर अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं।