छत्तीसगढ़

माओवादी नेता को पोती का पत्र...‘दादा लौट आइए, बंदूक से ज्यादा जरूरी रिश्ते हैं’...

कांकेर

देश में माओवाद अब धीरे-धीरे दम तोड़ता नजर आ रहा है। इसमें सरकार और प्रशासन के प्रयासों के साथ-साथ क्षेत्र के लोगों में सामाजिक चेतना का विकास भी एक महत्वपुर्ण भुमिका निभा रही है। जैसे-जैस लोग शिक्षा और विकास की मुख्य धारा के साथ जुड़ रहे हैं, वे माओवाद के काले सच को बेहतर समझ रहे हैं और इससे निकलने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा ही एक कदम बीटेक कर रही पोती ने उठाया है। पोती ने अपने माओवादी दादा से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा में लौटने की अपील की है।

माओवादी नेता हिंसक थिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवजी से उसकी पोती ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। तेलुगू भाषा में लिखे पत्र में उसने कहा है कि ‘दादा लौट आइए, बंदूक से ज्यादा जरूरी रिश्ते हैं’। बता दें कि देवजी के भाई की पोती सुमा बीटेक की छात्रा है और तेलंगाना के कोरुत्ला कस्बे में रहती है। देवजी वर्तमान में माओवादी संगठन का केंद्रीय सैन्य कमीशन प्रमुख है और बसव राजू के मारे जाने के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) महासचिव बनने की दौड़ मे सबसे आगे है।

सुमा ने पत्र में देवजी से पूछा है कि क्या बंदूक से सब ठीक हो जाएगा? क्या शिक्षा, विकास और समझदारी से बदलाव नहीं आ सकता?, मैं डरती हूं कि अगली खबर (मुठभेड़) कहीं आपकी न हो। हमारा परिवार अभी भी आपके लिए दरवाजे पर इंतजार कर रहा है। हालांकि देवजी की ओर से इस पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बस्तर पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने कहा कि माओवादी कैडरों के स्वजन द्वारा इस प्रकार का प्रयास सराहनीय है। यह उस दर्दनाक स्थिति से कहीं बेहतर है, जब उन्हें अपने स्वजन के शव की पहचान करने के लिए बुलाया जाता है, जो मुठभेड़ में मारे जाते हैं।




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Birma Mandavi

मेरी खबर का होता है असर



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