
बिना टिकट के रेल में सफर करना यात्रियों को काफी महंगा पड़ रहा है। बीते 20 दिन में बिना टिकट के यात्रा करते हुए 24 हजार से अधिक यात्रियों को पकड़ा गया। पकड़ में आए यात्रियों ने अलग-अलग कारण बताए। किसी ने ट्रेन छूटने के डर से बिना टिकट के बैठना तो किसी ने स्वास्थ्य खराब होने के कारण टिकट नहीं लेने का कारण बताया। ट्रेनों में टिकट निरीक्षकों को देख यात्री एक बोगी से दूसरे बोगी भी भागते हुए भी नजर आए। इस दौरान सख्ती से यात्रियों पर कार्रवाई की गई।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत आने वाले राजनांदगांव, डोंगरगढ़ सहित अन्य ट्रेनों में एक से 20 जून तक नियमित टिकट जांच अभियान चलाया गया। मंडल के विभिन्न रेलखंडों तथा प्रमुख स्टेशनों पर बिना टिकट, अनियमित यात्रा एवं बिना बुकिंग सामान (लगेज) के कुल 24,182 मामलों में कार्रवाई की गई। जिससे एक करोड़ 11 लाख 13 हजार की राजस्व वसूली हुई। यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा है।
रेल गाड़ियों एवं रेल परिसरों में स्वच्छता बनाए रखने की दिशा में भी रेलवे द्वारा कड़ा रुख अपनाया गया। इस अवधि में स्टेशन परिसरों एवं कोचों में कूड़ा-कचरा फैलाने के 541 मामलों में कार्रवाई करते हुए 52,400 की वसूली की गई, जो पिछले साल की तुलना में 163 प्रतिशत अधिक मामलों तथा 215 प्रतिशत अधिक दंड राशि को दर्शाता है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक दिलीप सिंह ने बताया कि यात्रियों में अनुशासन बनाए रखने तथा अनियमित यात्राओं पर रोकथाम के लिए ऐसे विशेष जांच अभियान नियमित रूप से जारी रहेंगे। उन्होंने यात्रियों से आग्रह किया कि वे वैध टिकट लेकर ही यात्रा करें एवं डिजिटल भुगतान माध्यमों का अधिक से अधिक उपयोग करें। जिससे नकदी लेन-देन से जुड़ी असुविधाओं से बचा जा सके और रेलवे की आनलाइन टिकटिंग प्रणाली और अधिक पारदर्शी एवं सुविधाजनक बन सके।