कांकेर/बस्तर मित्र
जिले में इस वर्ष लगभग साढ़े 34 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। जो पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी से 16 प्रतिशत अधिक है। एक ओर धान खरीदी के लक्ष्य में बढ़ोत्तरी हुई है, तो दूसरी ओर सहकारी समितियों के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से किसानों के पंजीयन व धान खरीदी की तैयार का कार्य प्रभावित होता नजर आ रहा है।
जिले में पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का लक्ष्य 29,32,000 क्विंटल था और लक्ष्य से अधिक 29,65,182 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। वहीं इस वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य 34,59,480 क्विंटल निर्धारित किया गया है। जो पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी से 16.67 प्रतिशत अधिक है। एक दिसंबर धान खरीदी की संभावित तिथि है और सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से एक ओर जहां धान खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन का कार्य प्रभावित हो रहा है। तो दूसरी ओर खरीदी केंद्रों में तैयारी भी ठप पड़ी हुई है।
कर्मचारियों के हड़ताल से लौटने में देरी होने के साथ ही धान खरीदी की संभावित तिथि भी नजदीक आती जाएगी। ऐसी स्थिति में हड़ताल और कुछ दिन जारी रहती है। तो खरीदी की तैयारियां समय पर पूर्ण करना मुश्किल साबित हो सकता है। वहीं अगर हड़ताल लंबा खिंचता है, तो खरीदी की संभावित तिथि आगे बढ़ सकती है। जिला विपणन अधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि समितियों में धान खरीदी के बारदाना पहुंचाया जाना है। लेकिन कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के चलते अभी बारदाने नहीं पहुंचाए गए हैं। यदि हड़ताल जल्द समाप्त नहीं होती तो वैकल्पिक व्यवस्था कर बारदाने पहुंचाए जाएंगे।