
दुर्गुकोंडल ब्लाक के ग्राम चेमल के खड़ी नदी में फिर हुआ रेत का कारोबार शुरु, अवैध रेत उत्खनन कर परिवहन करने वालों पर स्थानीय और जिला प्रशासन मेहरबान है। क्षेत्र की नदियों से खुलेआम धड़ल्ले के साथ अवैध रेत उत्खनन और परिवहन कर ऊंचे दरों में विक्रय किया जा रहा हैए ग्राम पंचायत चिहरो के आश्रित ग्राम चेमल के नदी से दूसरे शहर के ठेकेदार आ कर पिछले एक सप्ताह से चैन माउंटेन से रेत उत्खनन कर गांव के मैदान में अस्थाई भंडारण की स्वीकृति लेकर, रेत डंप किया जा रहा है। वही उस रेत को बड़े शहरों ले जाकर खपाने में लगे है। जबकि स्वीकृति रेत खदान से रायल्टी के माध्यम से लाकर डंप किया जाना होता।
यह पर ठीक उसके विपरीत नदी से रेत चोरी कर अस्थाई गोदाम में डंप किया जा रहा उक्त रेत को दूसरे के नाम से रायल्टी के माध्यम से ऊंची दरो में बेच रहे हैएहाइवा वाहन से रेत का परिवहन किया जा रहा हैं। गांव के लोगों को ग़ुमराह करने के लिए अस्थाई रेत भंडारण का बोर्ड लगा दिया गया हैए ज्ञात हो कि भानुप्रतापपुर व दुर्गुकोंदल क्षेत्र की नदियों से भारी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन का कार्य विगत कई महीनों से रुक रुक कर जारी है। जिम्मेदार विभाग की चुप्पी से रेत माफियाओ के हौसले बुलंद हैं।
क्षेत्र से रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर ट्राली अवैध रेत खनन कर डम्प किया जा रहा हैए और हाइवा के माध्यम से बाहर के जिलों में सप्लाई की जा रही हैंए कृषि उपकरणों का भी उत्खनन में बेधड़क उपयोग किया जा रहा है। कृषि विभाग से कृषि के नाम पर ट्रैक्टर खरीद कर रेत माफिया खनन कार्य में ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग करते नजर आ रहे हैं। भानुप्रतापपुर एवं दुर्गुकोंदल क्षेत्र के नदी नालों सहित गांवों में अवैध रेत उत्खनन का कार्य चल रहा है। लेकिन इस ओर न तो स्थानीय प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और न खनिज विभाग द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है।