छत्तीसगढ़

युवाओं ने अपनी रूचि और प्रतिभा के बल पर खोला संभावनाओं का नया आकाश - भूपेश बघेल . . .

बस्तर मित्र / रायपुर.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से आज प्रसारित रेडियो वार्ता लोकवाणी की 25वीं कड़ी में ‘युवा सपने और छत्तीसगढ़‘ विषय पर प्रदेशवासियों से चर्चा की। उन्होंने बातचीत की शुरूआत करते हुए पूरे छत्तीसगढ़ वासियों को नववर्ष की बधाई दी और कहा कि राज्य में विगत तीन वर्षों में जनभागीदारी और विकास का जो ताना-बाना बना है, उससे यह विश्वास जागा है कि नए वर्ष में सफलताओं और जन सशक्तिकरण के नए रंग भरे जाएंगे। हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी अब 21 वर्ष पूर्ण कर चुका, एक युवा राज्य है। 12 जनवरी को युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस है, जिसे हम युवा दिवस के रूप में मनाते हैं।

श्री बघेल ने कहा कि नया वर्ष, युवा सपने, युवा दिवस और नवा छत्तीसगढ़ के बीच एक अंतर्संबंध है। स्वामी विवेकानंद जी का रायपुर से अटूट नाता है। उसे चिरस्थायी बनाने के लिए हमने उनके जन्मदिन 12 जनवरी को ‘युवा महोत्सव’ का आयोजन करने की शुरुआत सन् 2020 में की थी। स्वामी जी ने कहा था कि अगर जात-पात, धर्म-सम्प्रदाय के नाम पर हिंसा न होती तो आज का मानव समाज बहुत उन्नत होता। उस जमाने में भी स्वामी जी दुनिया में घूम-घूम कर कहते थे कि मैं यहां किसी एक धर्म का प्रचार करने नहीं आया बल्कि ऐसे दर्शन का प्रचार कर रहा हूं, जो दुनिया के सभी धर्माें में निहित है। उन्होंने कहा था कि मैं किसी धर्म का विरोधी नहीं हूं, हर धर्म के लोगों को तेजस्वी बनाने का प्रयास कर रहा हूं। आज जो स्वामी जी को आध्यात्मिक संत बताकर उनके योगदान को छोटा करना चाहते हैं उन्हें बताना चाहता हूं कि स्वामी जी विरक्ति की बात नहीं करते थे बल्कि क्रान्ति की बात करते थे। कुरीतियों से लड़ने और समाधान की बात करते थे।

हम प्रदेश में युवाओं की शिक्षा-दीक्षा तथा रोजगार के अवसरों पर ध्यान देने के साथ ही एक संस्कारवान युवा पीढ़ी तैयार करने की पहल कर रहे हैं। मेरा मानना है कि पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में सक्रिय होने के साथ ही युवा अवस्था में अपने परिवेश, अपने आसपास के लोगों की जिंदगी को करीब से देखने समझने और बेहतरी के लिए स्वस्फूर्त कदम उठाने की भावना बहुत जरूरी है। अपना नाम तथा अपनी कमाई का सपना तो एक दिन पूरा हो जाता है, लेकिन लोगों के दुख-दर्द में शामिल होने, अपनी संस्कृति तथा कमजोर तबकों की भलाई के लिए योगदान करने की भावना एक बीज की तरह युवाओं में डाली जानी चाहिए। हम छत्तीसगढ़ में ऐसी ही संस्कारवान युवा पीढ़ी का विकास करना चाहते हैं।

छत्तीसगढ़ में विगत तीन वर्षों में रोजगार के अवसरों में बहुत बढ़ोतरी हुई है तथा निश्चित तौर पर इसका लाभ युवाओं को भी मिला है। मुझे खुशी है कि पिछले तीन वर्षों में सरकारी, अर्द्धसरकारी कार्यालयों में सीधी भर्ती के अलावा अन्य माध्यमों से भी भर्ती की गई है, जिसके कारण 4 लाख 65 हजार से अधिक लोगों को सरकारी और अर्द्धसरकारी कार्यालयों में कार्य करने का अवसर मिला है, इसके अलावा 30 हजार नौकरियां नए उद्योगों में मिली हैं। प्रदेश में निजी क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर नौकरियों का सृजन हुआ है। हमने ग्रामीण अंचलों में युवाओं को निर्माण कार्यों से जोड़ने के लिए ई-श्रेणी पंजीयन कराया था, जिसके अंतर्गत 3 हजार से अधिक युवाओं ने पंजीयन कराया है, जिन्हें बिना टेंडर के निर्माण कार्य का ठेका दिया जा रहा है। अभी तक लगभग एक हजार पंजीकृत युवाओं को सड़क, भवन आदि निर्माण कार्य आवंटित किए जा चुके हैं।

छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार खेल प्रशिक्षण की समग्र अधोसंरचना का निर्माण किया गया है, जिसके अंतर्गत 9 अकादमी स्थापित की जा चुकी है। फुटबाल में बालिकाओं के लिए तथा कबड्डी, तीरंदाजी, एथलेटिक्स तथा हॉकी में बालक-बालिकाओं दोनों के लिए, इस तरह 9 अकादमियां शुरू हो चुकी हैं। टेनिस स्टेडियम और अकादमी भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जा चुकी है। जहां तक ‘मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’ का सवाल है तो मैं यह बताना चाहता हूं कि हमारे राज्य के युवा खिलाड़ियों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिलने के कारण वे देश की अन्य संस्थाओं के लिए खेलते हैं। अब हम यह प्रयास कर रहे हैं कि हमारे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, उपकरण तथा अन्य खर्चों की व्यवस्था छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से हो, जिससे वे भविष्य में अपने राज्य की ओर से ही राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें। छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के गठन का काम शीघ्र पूरा करके, जल्दी ही इसका कामकाज शुरू कर दिया जाएगा।




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Mukesh Markam

निष्पक्ष पत्रकार



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