बस्तर मित्र / रायपुर.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पीएम केयर्स फंड से लगाए गए 49 ऑक्सीजन प्लांट्स के मेंटेनेंस के लिए बजट नहीं है, इन प्लांट्स का मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है, इस संबंध में केन्द्र सरकार के प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो ने इन खबरों को पूरी तरह से गलत और भ्रामक बताते हुए यह स्पष्ट किया है कि इन संयंत्रों का ठीक ढंग से संचालन सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा करता रहता है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न स्रोतों से 119 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें 49 पीएम केयर्स, 46 राज्य सरकार द्वारा, 18 सीएसआर से, 2 रेल्वे से और 4 सीआरपीएफ को मिली विदेशी सहायता से शामिल हैं। पीएम केयर्स से 49 संयंत्रों को स्थापित किया गया है, जिसमें से 48 चालू है।
केन्द्र सरकार के पीआईबी ने यह स्पष्ट किया है इन प्लांट्स में 1000 घंटे तक चलने के बाद मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाने वाले जिओलाइट को बदला जाना आवश्यक है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण इस इक्यूपमेंट जिओलाइट को औसत 3 से 5 वर्षों तक आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है। इस अवधि के बाद ही यह बदला जाता है, जिसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आवश्यक धनराशि भी स्वीकृत कर दी गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पीएम केयर्स फंड के माध्यम से स्थापित ऑक्सीजन निर्माण प्लांट्स का मेंटेनेंस ठीक तरह से नहीं किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस नोट में यह बताया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सभी प्लांट्स और वहां हो रहे कार्यों की नियमित साप्ताहिक समीक्षा कर रहा है।