बस्तर मित्र/कांकेर।
जिले में पांच दिनों तक लगातार हुए बेमौसम बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। रबी फसल व खरीदी केंद्रों के धान को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं बारिश के चलते दूध नदी का जलस्तर भी बढ़ गया, जिससे निर्माणाधीन बाइपास सड़क पर बनाई जा रही डायवर्सन सड़क बह गई। नदी के तेज प्रवाह में डायवर्सन सड़क के बह जाने के बाद मार्ग पर आवागम बंद हो गया, इससे आवागमन करने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कांकेर में माकड़ी से आतुरगांव तक बाइपास सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। सड़क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है, लेकिन बाइपास पर दो बड़े पुल का निर्माण भी किया जाना है, जिसके निर्माण का कार्य भी शुरू हो गया है। निर्माण कार्य के दौरान आवागमन के लिए पुल निर्माण स्थल के पास ही डायवर्सन सड़क का निर्माण किया गया था।
ग्राम मनकेसरी में दूध नदी पर बन रहे बड़े पुल के पास बनाई गई डायवर्सन सड़क नदी के तेज बहाव में पूरी तरह से बह गई। बाइपास का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। फिर भी छोटे-बड़े सभी वाहन इसका उपयोग कर बाइपास से अवागमन कर रहे थे। खासकर रायपुर व जगदलपुर मार्ग पर आवागमन करने वाले लोग जिन्हें कांकेर में प्रवेश नहीं करना होता था, वे इस बाइपास का उपयोग कर रहे हैं। वहीं बाइपास में बनी डायवर्सन सड़क के बह जाने के बाद इस मार्ग से आवागमन करने वालों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। भंडारीपारा निवासी देवेश यादव ने बताया कि बाहर आने वाले लोगों को डायवर्सन सड़क बह जाने के कारण वापस लौटना पड़ता है। जो लोग गांव के अंदर के रास्ते में जाते हैं, वे भटक जाते हैं और लोगों से रास्ता पूछते नजर आते हैं।
लंबे समय से चल रहा निर्माण कार्य
कांकेर बाइपास निर्माण का कार्य लंबे समय से चल रहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। यह बाइपास ग्राम माकडी से ग्राम बेड़मा तक बन रहे नेशनल हाइवे का हिस्सा है, जिसका चौड़ीकरण किया जा रहा है। लेकिन सालों से यह कार्य अधूरा है। बारिश के चलते निर्माण कार्य भी रूक गया है। कांकेर शहर के मध्य से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग सकरा है, जिससे भारी वाहनों के आवागमन के कारण अक्सर जाम लग जाता है। जिसके चलते शहरवासी लंबे समय से बाइपास सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण होने का इंतजार कर रहे हैं।