बस्तर मित्र/कांकेर।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 09 फरवरी बुधवार को प्रातः 11 बजे कांकेर शहर के घड़ी चौक में अलबेलापारा मार्ग के पास स्थापित भूमकाल क्रांति के महानायक वीर गुण्डाधूर के प्रतिमा का वर्चुअल माध्यम से अनावरण करेंगे। कार्यक्रम में आम जनता को कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का अनुरोध मुख्य नगर पालिका अधिकारी कांकेर द्वारा किया गया है।
वीर गुण्डाधुर की प्रतिमा के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि वीर गुण्डाधुर को कौन नहीं जानता? उन्होंने बस्तर के जल, जंगल, जमीन और आदिवासियों की संस्कृति व स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंग्रेजी से लड़ाई लड़ी। कांकेर जिले के परलकोट के जमीदार शहीद गैदसिंह को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1857 के स्वतंत्रा संग्राह के पहले ही उन्होंने अंग्रेजो से लड़ाई लड़ी थी। बस्तर के वीर सपूतो ने अपनी आजादी को किसी के पास गिरवी रखने नहीं दिया, उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बस्तर एवं आदिवासियों के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है।
मिलेट मिशन संचालित किया जा रहा है, कोदो, कुटकी, रागी एवं लघु वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। हाट बाजारों में हाट-बाजार क्लिीनिक योजना अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है, जिससे मलेरिया उन्मूलन में मदद मिली है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराये गये है, जिससे कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में सफलता मिल रही है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान किया जा रहा है, इस प्रकार सरकार द्वारा आदिवासियों को आर्थिक, शैक्षणिक एवं शरीरिक रूप से मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कांकेर के विकास में किसी प्रकार की कमी आने नही दी जायेगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी ने कहा कि वीर गुण्डाधुर भूमकाल विद्रोह 1910 की क्रांति के महानायक थे। बस्तर की माटी के लिए न्यौछावर होने वाले इस वीर सपूत का स्मरण कर हम गर्व महसुस करते है। उन्होंने बस्तर की संस्कृति व स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग किया, जब तक हम अपने पूर्वजों के योगदान को याद नहीं करेेंगे तब तक आगे नहीं बढ़ सकते। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व छत्तीसगढ़ के बहुमुखी विकास के लिए किये जा रहे कार्यो की प्रशंसा करते हुए उन्होंनक कहा कि चाहे लोहण्डीगुडा के आदिवासियों के जमीन वापसी अथवा वन अधिकार मान्यता पत्रों का वितरण, बस्तर के विकास को हमेशा सामने रखा गया। प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परंपरा को सजोये रखने के लिए भी बेहतर प्रयास किये गये हैं तथा विकास कार्यो को गति प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर गौसेवा आयोग के सदस्य श्री नरेन्द्र यादव, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के सदस्य नरेश ठाकुर, नगर पालिका परिषद कांकेर के अध्यक्ष श्रीमती सरोज जितेन्द्र ठाकुर, उपाध्यक्ष मकबूल खान, पूर्व विधायक श्री शंकर ध्रुवा, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुभद्रा सलाम, कलेक्टर श्री चन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ कुमार सिन्हा, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हेमनारायण गजबल्ला, जनपद पंचायत कांकेर के अध्यक्ष रामचरण कोर्राम एवं उपाध्यक्ष रोमनाथ जैन, जनपद सदस्य राजेश भास्कर, गोड़वाना समाज के संरक्षक आनंद गावड़े, रामप्यारे कावड़े, सुखदेव शोरी, पार्षद शैलेन्द्र शोरी, दीपक शोरी, आनंद चैरसिया, जितेन्द्र वैद्य, सादाब खान, अजय रेणु सिंह, विजय लक्ष्मी कौशिक, गीता गोपाल शर्मा, लीना मनोज जैन, राजकिशोर ठाकुर, सोमेश सोनी, श्रीमती उगेश्वरी उईके, श्रीमती माला तिवारी, गायत्री शर्मा, यासिन करानी, सुनील गोस्वामी सहित पार्षदगण एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।